अनन्या बिड़ला : 17 साल की उम्र में गरीबो को लोन देने के लिए बनाई कंपनी | motivational story of ananya birla
अनन्या बिड़ला ने 17 साल की उम्र में ही स्वतंत्र माइक्रोफाइनेंस कंपनी की स्थापना की। इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण उद्यमियों, विशेषकर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है। इसकी सफलता से उत्साहित अनन्या ने क्यूरोकार्ट डॉट कॉम के नाम से एक ई-कॉमर्स वेबसाइट बनाई। इसके जरिए एशिया और यूरोप के 9 देशों से लाई गई लग्जरी घरेलू सजावटी वस्तुओं की बिक्री भारत में की जाती है। अनन्या भारत के मशहूर बिड़ला औद्योगिक घराने से है। फॉर्ब्स पत्रिका के मुताबिक उनके पिता मंगलम बिड़ला देश के आठवें सबसे अमीर व्यक्ति है बावजूद इसके अनन्या का मानना हे की उनकी कंपनी “स्वतंत्र” पूरी तरह से एक स्टार्टअप है जिसके लिए उन्होंने परिवार से सिर्फ फंड लिया है। अनन्या एसोचैम की संस्था “माइक्रोफाइनेंस काउंसिल ऑफ इंडिया” कि को -चेयरपर्सन भी है उनकी संस्था स्वतंत्र ने अब तक 1400 करोड़ से ज्यादा का लोन जरूरतमंदों को दिया है उनकी कंपनी से 3.5 लाख ग्राहक जुड़ चुके हैं
गुमटी पर खड़े हो तय किया बिजनेस
तीन भाई बहनों में सबसे बड़ी अनन्या जब ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रही थी तब साल के कुछ महीने वह मुंबई में अपने फर्म माइक्रोफाइनेंस को देती थी। माइक्रो फाइनेंस कंपनी खोलने का विचार उनके दिमाग में आंध्र प्रदेश में गरीब लोगों से ज्यादा ब्याज वसूलने से उपजे कोलाहल से आया था। वह कहती हैं कि स्कूल से घर आने के समय रास्ते में एक व्यक्ति नारियल पानी की दुकान लगाता था हम सभी भाई बहन उसकी दुकान पर नारियल पानी पीने के लिए रुकते थे साल दर साल यह सिलसिला चलता रहा मैंने कभी भी उसका बिजनेस बढ़ते हुए नहीं देखा मैंने उससे पूछा आखिर क्यों वह वहीं रह गया आगे क्यों नहीं बढ़ पाया तो उसने इसका कारण पूंजी की कमी बताया तब अनन्या ने ऐसे छोटे कारोबारियों के लिए काम करने का मन बनाया।
खास बातें
• अनन्या शतरंज और टेनिस की बहुत अच्छी खिलाड़ी हैं। उन्होंने इन खेलों को राष्ट्रीय स्तर तक खेला है अनन्या का कहना है कि वह जीवन में दो महिलाओं से बहुत प्रभावित रही हैं पहली मदर टेरेसा और दूसरी उनकी घरेलू सहायिका लता
• उन्होंने सिर्फ 12 साल की उम्र में कविता लिखना शुरू कर दी थी
• उन्हें लॉन्ग ड्राइव पर जाना पसंद है उनके पास बीएमडब्ल्यू जेड 4 और मिनी कपूर सहित कई लग्जरी कारें हैं
• 600 कर्मचारी अनन्या की कंपनी स्वतंत्र में कार्यरत हैं भारत के 4 राज्यों में इसकी 70 शाखाएं हैं इसे बेस्ट स्टार्टअप का गोल्ड अवार्ड भी मिल चुका है
• उनकी कंपनी से अब तक 3.5 लाख सक्रिय ग्राहक जुड़ चुके हैं और 1400 करोड़ रुपए बांटे जा चुके हैं।