हमारा माइंड 1 दिन में कई हजार thoughts creat करता है यानी की सोच क्रिएट करता है वही वही सोच करोड़ों एनर्जी क्रिएट करती है ओर वही एनर्जी वाइब्रेशन में बदल जाती है
अगर आप सकारात्मक सोचते हैं तो सकारात्मक वाइब्रेशन creat होती हैं अगर आप नेगेटिव सोचते हैं तो नेगेटिव वाइब्रेशन creat होती हैं।
सिर्फ शरीर ही दिमाग से काबू नहीं होता है बल्कि positive thoughts, negative thoughts की जगह लेकर कोई environment, किस्मत, हालात भी बदल सकते हैं।
जो इंसान कहता है कि मैं नहीं कर सकता, उस इंसान को मैं कर सकता हूं, और मैं करूंगा वाला एटीट्यूड सफलता की तरफ एक कदम आगे ले जा सकता है।
“हर चीज में असीम ताकत है आज हमारे पास उस ताकत का बहुत धुंधला आईडिया है फिर भी हम धीरे-धीरे उसकी तरफ बढ़ रहे हैं और जल्द ही उसे छू लेंगे”.
हमारा दिमाग लगातार thought vibration खींचता है और लेता है। एक मैग्नेट के ऑपोजिट हमारा दिमाग सिर्फ वैसे खयाल वापस लेता है जैसे वह भेजता है आसान शब्दों में अगर आप प्यार के thought vibration भेजते हैं तो आपको दूसरों से प्यार के वाइब्रेशन ही वापस मिलेंगे
जो आपको प्यार के सफर पर ले जाएंगे, और आप खुद को ऐसे माहौल और हालातों में पाएंगे जो बिल्कुल आपके ख्याल जैसा होगा और उन लोगों के बीच आपको वापस प्यार देंगे।
वहीं दूसरी तरफ गुस्से जलन और नफरत के ख्याल हमें दूसरे लोगों के ऐसे ही ख्यालों तक ले जाते हैं ऐसे हालात बनते हैं जहां हमें एसे ख्यालों के बदले ऐसे ही खयालो का सामना करना पड़ेगा
thought world में like ही like को attract करता है जैसा आप दोगे वैसा ही आप आओगे। अगर आपको यह समझने में दिक्कत हो तो आपको मारकोनी के वायरलेस इंस्ट्रूमेंट रेडियो के बारे में सोच सकते हो।
इसी वजह से नेगेटिव लोगों को दुनिया में सिर्फ नेगेटिव चीज ही दिखती है और पॉजिटिव लोग सिर्फ अच्छा देख पाते हैं।
जब आप बेचैनी महसूस करें और गुस्से में फटना चाहे तो आप ” मैं ” को आगे रखें यह याद रखे की आप क्या हैं अपनी भावनाओं के ऊपर उठें, जब आप डर का सामना करें तो याद रखें की Real self किसी से नहीं डरता है और साहस देता है।
अपनी इच्छाशक्ति को काबू करो
एक अच्छी एक्सरसाइज यह है की आप रोज एक बिना मर्जी का काम करे हर रोज 1 महीने तक कोई भी अच्छी चीज खुशी से कर सकते हैं, पर खुशी ना देने वाली चीजों को करने के लिए इच्छाशक्ति की जरूरत होती है और ऐसा काम आपको करना ही चाहिए इससे आपमे कीमती डिसिप्लिन आएगा।
महीने के लिए ट्राई करें और आप जानेंगे कि यह कहां से आता है। अगर आप यह ना कर पाए तो आपके लिए Thought vibration नहीं है ना आपके पास इच्छाशक्ति है और ना ही आप कुछ चाहते हैं और आप जहां हैं वही बने रहने और कमजोर रहने में ही संतुष्ट हैं।
जैसे पत्थर पानी में फेंकने पर होता है, ख्याल भी लहरें बनाता हैै जो ख्यालों के सागर में दूर तक जाते हैं बस फर्क यह है कि पानी की लहरें सीधे तल पर हर दिशा में चलती हैं जबकि ख्यालों की तरंगे एक कॉमन सेंटर से सारी दिशाओं में चलती है बिल्कुल वैसे ही जैसे सूरज की किरणें करती हैं”