एक रिसर्च के मुताबिक 50% लोग कम बोलना पसंद करते हैं वह इंट्रोवर्ट(अंतर्मुखी) होते हैं।

कम बोलने वाले लोग किसी भी काम को बहुत देर तक धैर्य के साथ कर सकते हैं इसके अलावा यह लोग काफी क्रिएटिव होते हैं।

साइंटिस्ट अल्बर्ट आइंस्टीन भी इंट्रोवर्ट थे और सिंगर ए आर रहमान की इंट्रोवर्ट ही है। आइंस्टाइन ने तो यह भी कहा था कि मेरे पास कोई खास टैलेंट नहीं है लेकिन मैं किसी भी प्रॉब्लम को देर तक सॉल्व कर सकता हूं।

कम बोलने वाले लोग काफी इंटेलिजेंट होते हैं। क्योंकि उन्हें कम से कम शब्दों में दूसरे के सामने अपनी बात पेश करना आता है इनमें घुमा फिरा कर बात करने की आदत नहीं होती।

अब्राहम लिंकन ने कहा था चुप रहकर दूसरों की नजरों में बेवकूफ बना रहना ज्यादा अच्छा है बजाए इसके की कुछ भी बोल कर खुद को बेवकूफ साबित करना।

कम बोलने वाले लोग कभी भी हार कर निराश नहीं होते उनके अंदर काफी धैर्य होता है और इसलिए वह किसी भी काम को अधूरा नहीं छोड़ते, कम बोलने वाले लोग बोलने में नहीं काम को करने में ज्यादा विश्वास रखते हैं।

इंट्रोवर्ट्स कभी भी दूसरों पर निर्भर नहीं रहते ऐसे लोगों में खुशी, सपोर्टेड और मोटिवेटेड फील करने के लिए आत्मनिर्भर होना एक बहुत ही अच्छी कला होती है जो सक्सेसफुल लोगों में ज्यादातर देखी जाती है।

दुनिया में आज तक जितने भी सक्सेस बिजनेसमैन और साइंटिस्ट हुए उनमें से ज्यादातर लोग सारे तो नहीं लेकिन ज्यादातर लोग इंट्रोवर्ट हैं।

इंसान में क्रिएटिव थिंकिंग तभी डिवेलप होती है जब इंसान अपने आसपास की चीजों से ध्यान हटाकर खुद पर और अपनी क्षमताओं पर फोकस करता है। कम बोलने वाले लोगों को यह चीज बहुत अच्छे से आती है।

एक व्यक्ति और जो बहुत कम बोलता है तो जब भी वह कोई बात बोलता है तो सब उसकी बात को काफी ध्यान से सुनते हैं भले ही उसने कोई खास बात नहीं कही हो।

अगर आप खुद एक इंट्रोवर्ट इंसान हो तो आपको समाज से अलग महसूस करने की कोई जरूरत नहीं आपको पता होना चाहिए कि इंट्रोवर्ट होना आपकी ताकत है

आपकी इस ताकत को आपको सक्सेस में बदलना है इंट्रोवर्ट होना आपकी खासियत है कमजोरी नहीं