आशावादी रहने से गंभीर रोग भी जल्दी ठीक होते हैं | positivity in life in hindi
शोध बताते हैं कि आशावादी रहना, मन में सकारात्मकता बनाए रखना सिर्फ सेहतमंद ही नहीं रखता, बल्कि किसी बीमारी होने की स्थिति में यह आपको जल्द स्वस्थ भी बना सकता है।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए एक शोध के मुताबिक जो लोग बीमारी के दौरान भी सकारात्मक विचार अपनाए रहते हैं, जो यह भरोसा रखते हैं कि वे जल्दी स्वस्थ हो सकते हैं, ऐसे मरीज नकारात्मक सोच रखने वालों की तुलना में जल्दी स्वस्थ होते हैं।
शोधकर्ताओं के मुताबिक जहां नकारात्मक विचारों में 'मैं ठीक नहीं हो पाऊंगा', 'ये बीमारी लंबी चलेगी', 'मैं बहुत कमजोर हो रहा हूं' जैसे विचार लगातार सोचते रहना शामिल है।
वहीं सकारात्मक विचारों में ‘मैं जल्द ठीक हो जाऊंगा', 'मैं दिन ब दिन बेहतर महसूस कर रहा हूं' आदि विचार शामिल हैं।
शोधकर्ता यह भी कहते हैं कि अगर आप बीमारी के दौरान बेहतर कल के बारे में सोचते हैं, यह सोचते हैं कि स्वस्थ होने पर आप क्या - क्या अच्छा और नया कर सकते हैं, तो इससे भी आपको अपनी बीमारी ठीक करने में कम वक्त लगता है।
विशेषज्ञ यह सलाह भी देते हैं कि बीमारी के दौरान | अपनी बीमारी के बारे में ज्यादा नकारात्मक चीजें भी पढ़ने से बचना चाहिए। साथ ही मरीज की देखरेख करने वालों को भी सकारात्मक बातें ही ज्यादा से ज्यादा साझा करनी चाहिए, जैसे 'आप जल्दी ठीक हो जाएंगे' या 'आपकी सेहत में पहले से कहीं अधिक सुधार है।
2.) विभिन्न शोध यह भी बताते हैं कि आशावादी विचार गंभीर से गंभीर रोगों को समय स्थिति की तुलना में जल्दी ठीक करने में कारगर साबित हुए हैं।
अमेरिका में ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित 3000 महिलाओं पर किए गए एक शोध में पाया गया कि जिन महिलाओं ने अपनी बीमारी को लेकर सकारात्मक विचार रखे, वे नकारात्मक विचार वाली महिलाओं से जल्दी ठीक हुईं।
अध्ययन के मुताबिक सकारात्मक सोच के कारण वे समाज से कटी नहीं और अपनी सामान्य गतिविधियों तथा लोगों से मिलना-जुलना जारी रखा।
इससे उन्हें अपनी बीमारी जल्द ठीक करने में मदद मिली। एक अन्य शोध के मुताबिक जिन महिलाओं में निराशावाद ज्यादा होता है, उनकी आर्टरीज के मोटे होने की ज्यादा आशंका रहती है।
जबकि सकारात्मक महिलाओं में ऐसा कम होता है। जिन आशावादी महिलाओं के रोग ठीक नहीं भी हुए, उन्होंने बाकियों की तुलना में बेहतर जिंदगी जी।