सपने देखने की इच्छा और अपनी कल्पना के जरिये किस तरह हम अपने लक्ष्य तक पहुंचते हैं | MANIFESTATION BOOK IN HINDI
सपने देखने की इच्छा जगाइए,साकार करने की कल्पना करिएआज book जिसका नाम है "Manifestation Journal" पढ़ते हैं इस book के कुछ अंश।
19वीं सदी के मध्य में अमेरिकी कवि और दार्शनिक हेनरी डेविड थोरू ने सफलता की परिभाषा का जिक्र किया था।
वह कहते थे, 'अगर कोई शख्स अपने सपनों की दिशा में पूरे आत्मविश्वास के साथ बढ़ता जाता है और अपनी सोच या कल्पना के मुताबिक जीवन जीने का प्रयास करता है तो यह तय है कि उसे जल्दी सफलता मिलनी ही है।'
मैंने थोरू की दी हुई परिभाषा में से दो शब्दों को अलग तरीके से लिखा है- सपने और कल्पना सपने देखने की इच्छा जगाइए और कल्पना कीजिए कि आप यह सब कैसे हासिल करेंगे जो आपने सोच रखा है।
अगर आप उन कल्पनाओं के अनुसार जीते हैं, तो पूरी कायनात आपकी इच्छा को पूरा करने में जुट जाएगी।
स्वस्थ कल्पनाओं के लिए कुछ नियम बनाएं। पहला तो अपनी कल्पना में उसे बिल्कुल जगह न दें, जिसे आप हासिल नहीं करना चाहते या आपकी आत्मा ऐसा करने को तैयार न हो।
दूसरा नियम है कि आपको खुद की ताकत पर इस कदर भरोसा करना होगा कि आप गैर मौजूदा को हकीकत में बदल सकते हैं।
कल्पनाशीलता को मारने का परिणाम यह होगा कि आज आप जहां हैं, जीवन भर वहीं रह जाएंगे।
तीसरा नियम यह है कि अपने लिए एक मजबूत सचेतक तलाशना होगा, जो कि आपको समय- समय पर याद दिलाए कि आपकी कल्पना केवल आपकी अपनी है। इसमें किसी और का दखल नहीं हो सकता।