[25+] लाल बहादुर शास्त्री के अनमोल विचार, नारे | lal bahadur shastri jayanti quotes, images in hindi

लाल बहादुर शास्त्री के अनमोल विचार | lal bahadur shastri jayanti quotes, images, slogan in hindi


लाल बहादुर शास्त्री के अनमोल विचार | lal bahadur shastri jayanti quotes images in hindi
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शास्त्री के अनमोल विचार


लाल बहादुर शास्त्री के अनमोल विचार | lal bahadur shastri quotes in hindi


लाल बहादुर शास्त्री, जवाहर लाल नेहरू के बाद (1964-66) भारत के प्रधानमंत्री बनें। लाल बहादुर शास्त्री भारत में ब्रिटिश सरकार के खिलाफ महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन के सदस्य भी थे। उन्हें थोड़े समय के लिए (1921) जेल में रखा गया था। रिहा होने पर उन्होंने एक राष्ट्रवादी विश्वविद्यालय, काशी विद्यापीठ में अध्ययन किया, जहाँ उन्होंने शास्त्री (“शास्त्रों में सीखा”) की उपाधि से स्नातक किया। फिर वह गांधी के अनुयायी के रूप में राजनीति में लौट आए, कई बार जेल गए, और संयुक्त प्रांत राज्य, अब उत्तर प्रदेश राज्य की कांग्रेस पार्टी में प्रभावशाली पदों को प्राप्त किया।


शास्त्री 1937 और 1946 में संयुक्त प्रांत की विधायिका के लिए चुने गए थे। भारतीय स्वतंत्रता के बाद, शास्त्री ने उत्तर प्रदेश में गृह मामलों और परिवहन मंत्री के रूप में अनुभव प्राप्त किया। वह 1952 में केंद्रीय भारतीय विधायिका के लिए चुने गए और केंद्रीय रेल और परिवहन मंत्री बने। 1961 में गृह मंत्री के प्रभावशाली पद पर नियुक्ति के बाद उन्होंने एक कुशल मध्यस्थ के रूप में ख्याति प्राप्त की। तीन साल बाद, जवाहरलाल नेहरू की बीमारी पर, शास्त्री को बिना पोर्टफोलियो के मंत्री नियुक्त किया गया, और नेहरू की मृत्यु के बाद वे जून 1964 में प्रधान मंत्री बने।


लाल बहादुर शास्त्री के अनमोल विचार | lal bahadur shastri quotes in hindi


●•● जब स्वतंत्रता और अखंडता खतरे में हो, तो पूरी शक्ति से उस चुनौती का मुकाबला करना ही एकमात्र कर्त्तव्य होता है, हमें एक साथ मिलकर किसी भी प्रकार के अपेक्षित बलिदान के लिए दृढ़तापूर्वक तत्पर रहना है।


– लाल बहादुर शास्त्री


●•● आर्थिक मुद्दे हमारे लिए सबसे जरूरी है, जिससे हम अपने सबसे बड़े दुश्‍मन गरीबी और बेराजगारी से लड़ सके।


– लाल बहादुर शास्त्री


●•● जो शासन  करते हैं उन्‍हें देखना चाहिए कि लोग प्रशासन पर किस तरह प्रतिक्रिया करते हैं। अंतत: जनता ही मुखिया होती है।


– लाल बहादुर शास्त्री


●•● यदि मैं एक तानाशाह होता तो धर्म और राष्ट्र अलग-अलग होते। मैं धर्म के लिए जान तक दे दूंगा, लेकिन यह मेरा निजी मामला है राज्य का इससे कुछ लेना देना नहीं है। राष्ट्र धर्म-निरपेक्ष, कल्याण, स्वास्थ्य, संचार, विदेशी संबंधो, मुद्रा, इत्यादि का ध्यान रखेगा लेकिन मेरे या आपके धर्म का नहीं, वो सबका निजी मामला है।


– लाल बहादुर शास्त्री


●•● यदि कोई एक व्‍यक्ति भी ऐसा रह गया जिसे किसी रूप में अछूत कहा जाए तो भारत को अपना सर शर्म से झुकाना पड़ेगा


– लाल बहादुर शास्त्री


●•● यदि लगातार झगड़े होते रहेंगे तथा शत्रुता होती रहेगी तो हमारी जनता को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। परस्पर लड़ने की बजाय हमें गरीबी, बीमारी और अज्ञानता से लड़ना चाहिए। दोनों देशों की आम जनता की समस्याएं, आशाएं और आकांक्षाएं एक समान हैं। उन्हें लड़ाई-झगड़ा और गोला-बारूद नहीं, बल्कि रोटी, कपड़ा और मकान की आवश्यकता है।


– लाल बहादुर शास्त्री


●•● देश के प्रति निष्‍ठा सभी निष्‍ठाओं से पहले आती है और यह पूर्ण निष्‍ठा है क्‍योंकि इसमें कोई प्रतीक्षा नहीं कर सकता कि बदले में उसे क्‍या मिलता है।


– लाल बहादुर शास्त्री


●•●लोगो को सच्‍चा लोकतंत्र और स्‍वराज कभी भी हिंसा और असत्‍य से प्राप्‍त नहीं हो सकता।


– लाल बहादुर शास्त्री


●•● हम सिर्फ अपने लिए ही नहीं बल्कि समस्‍त विश्‍व के लिए शांति और शांतिपूर्ण विकास में विश्‍वास रखते हैं।


– लाल बहादुर शास्त्री


●•● विज्ञान और वैज्ञानिक कार्यों में सफलता असीमित या बड़े संसाधनों का प्रावधान करने से नहीं मिलती बल्कि यह समस्याओं और उद्दश्यों को बुद्धिमानी और सतर्कता से चुनने से मिलती है और सबसे बढ़कर जो चीज चाहिए वो है निरंतर कठोर परिश्रम समर्पण की।


– लाल बहादुर शास्त्री


●•● भ्रष्टाचार को खत्म करना कोई आसान काम नहीं है। इसे पकड़ना बहुत मुश्किल है, लेकिन में पूरे दावे के साथ कहता हूँ कि यदि हम इस परेशानी से गंभीरता के साथ नहीं निपटेंगे तो हम अपने कर्तव्यों का निर्वाह करने में असफ़ल रहेंगे।


– लाल बहादुर शास्त्री


●•● जय जवान, जय किसान।


– लाल बहादुर शास्त्री


●•● मुझे ग्रामीण क्षेत्रों, गांवों में, एक मामूली कार्यकर्ता के रूप में लगभग पचास वर्ष तक कार्य करना पड़ा है, इसलिए मेरा ध्यान स्वतः ही उन लोगों की ओर तथा उन क्षेत्रों के हालात पर चला जाता है।


– लाल बहादुर शास्त्री


●•● आज़ादी की रक्षा केवल सैनिकों का काम नही है। पूरे देश को मजबूत होना होगा।


– लाल बहादुर शास्त्री


●•● हम सब को अब अपने क्षेत्रों में उसी प्रकार के समर्पण, उत्साह और संकल्प के साथ काम करना होगा जो एक योद्धा को उसकी रणभूमि में उत्साहित और लड़ने को प्रेरित करता हैं, और हमे सिर्फ ये बोलने तक ही सिमित ना रखकर उसे वास्तविकता में कर के दिखाना होगा।


– लाल बहादुर शास्त्री


●•● मेरी समझ से प्रशासन का मूल विचार यह है कि समाज को एकजुट रखा जाये ताकि वह विकास कर सके और अपने लक्ष्‍यों की तरफ बढ़ सके।


– लाल बहादुर शास्त्री


●•● समाज को सच्चा लोकतंत्र कभी भी हिंसा और असत्य से हासिल नहीं किया जा सकता है।


– लाल बहादुर शास्त्री


●•● हमारे देश में आर्थिक मुद्दे उठाने बहुत जरूरी हैं, क्योंकि उन्ही मुद्दों से हम अपने सबसे बड़े दुश्मन गरीबी और बेरोज़गारी से लड़ सकते हैं।


– लाल बहादुर शास्त्री


●•● मेरे विचार से पूरे देश के लिए एक संपर्क भाषा का होना आवश्यक है, अन्यथा इसका तात्पर्य यह होगा कि भाषा के आधार पर देश का विभाजन हो जाएगा। एक प्रकार से एकता छिन्न-भिन्न हो जाएगी!!भाषा एक ऐसा सशक्त बल है, एक ऐसा कारक है जो हमें और हमारे देश को एकजुट करता है। यह क्षमता हिन्दी में है।


– लाल बहादुर शास्त्री


●•● क़ानून का सम्‍मान किया जाना चाहिए ताकि हमारे लोकतंत्र की बुनियादी संरचना बरकरार रहे और, और भी मजबूत बने।


– लाल बहादुर शास्त्री


●•● हमारी ताकत और स्थिरता के लिए हमारे सामने जो ज़रूरी काम हैं उनमे लोगों में एकता और एकजुटता स्‍थापित करने से बढ़ कर कोई काम नहीं है।


– लाल बहादुर शास्त्री


●•● हम देश के लिए आजादी चाहते हैं दुसरे लोगों का शोषण करके नहीं और न ही दुसरे देशों को हानि या फिर नीचा दिखाकर में अपने देश के लिए ऐसी आजादी चाहता हूँ ताकि दुसरे देश मेरे देश से कुछ सीख सकें।


– लाल बहादुर शास्त्री

●•● हमारा रास्‍ता सीधा और स्‍पष्‍ट है। अपने देश में सबके लिए स्‍वतंत्रता और संपन्‍नता के साथ समाजवादी लोकतंत्र की स्‍थापना और अन्‍य सभी देशों के साथ विश्‍व शांति और मित्रता का संबंध रखना।


– लाल बहादुर शास्त्री


●•● हम भले ही अपने देश की आजादी चाहते है, लेकिन उसके लिए ना ही हम किसी का शोषण करेंगे और ना ही दूसरे देशों को निचा दिखाएँगे, मैं अपने देश की स्वतंत्रता कुछ इस प्रकार चाहता हूँ कि दूसरे देश उससे कुछ सिख सके, और मेरे देश के संसाधनों को मानवता के लाभ के लिए प्रयोग में ले सकें।


– लाल बहादुर शास्त्री


●•● जो शासन  करते हैं उन्‍हें देखना चाहिए कि लोग प्रशासन पर किस तरह प्रतिक्रिया करते हैं। अंतत: जनता ही मुखिया होती है।


– लाल बहादुर शास्त्री


●•● जैसा मैं दिखता हूँ उतना साधारण मैं हूँ नहीं।


– लाल बहादुर शास्त्री


●•● हम सभी को अपने अपने क्षत्रों में उसी समर्पण उसी उत्साह और उसी संकल्प के साथ काम करना होगा, जो रणभूमि में एक योद्धा को प्रेरित और उत्साहित करती है और यह सिर्फ बोलना नहीं है बल्कि वास्तविकता में कर के दिखाना है।


– लाल बहादुर शास्त्री






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