बातों से किसी को आकर्षित कैसे करें – How to attract someone with things in hindi

अपनी बातों से किसी को इम्प्रेस कैसे करें

किसी को कैसे इम्प्रेस करें /दोस्तों आज हम जानेंगे कि किसी भी इंसान को हम हम कैसे अट्रैक्ट करके उन्हें इंप्रेस कर सकते हैं वह भी 90 सेकंड में और यहां ऑथर 90 सेकंड इसलिए कह रहे क्योंकि रिसर्च बताती है और आप भी जानते हो कि आजकल लोगों का अटेंशन अवधि कितनी कम हो गयी है क्योंकि जो हमारे इंप्रेशन होते है वह लोग जल्दी बना लेते हैं हमें बस कुछ सेकंड में जज करने के बाद ही, इसलिए जरूरी हो जाता है हम उस शुरू के समय में ही दूसरों पर एक अच्छा इंप्रेशन बनाएं।

लोगों को अपनी तरफ आकर्षित कैसे करें

लोगों को प्रभावित कैसे करें

तो आज हम इस पोस्ट में यही जानेंगे कि कैसे हमें दूसरों से बात करनी चाहिए क्या बात करना चाहिए और भी बहुत कुछ अब इन सारी चीजों को समझने के लिए हमें 3 पार्ट्स को समझना होगा 1. Meeting 2. Rapport 3. Communicative

Meeting – किसी से भी मिलने के 3 या 4 सेकंड में ही अगर आप किसी को राइट इंप्रेशन दे देते हो जिससे आप सामने वाले को सेफ, भरोसेमंद और सिंसियर लगोगे जो rapport क्रिएट करने के लिए बहुत ज्यादा जरूरी होता है यह 5 टिप्स से जाने कि कुछ सेकंड में ही एक राइट इंप्रेशन कैसे क्रिएट करें।

1. Be Open – मतलब अपने एटीट्यूड और बॉडी लैंग्वेज को ओपन रखना ना कि क्लोज, जब आप किसी से बात करते समय अपने दोनों हाथों को बांध कर खड़े हो या फिर अपने दोनों पैरों को जोड़ें हों या बहुत कम जगह लेकर बैठे हो या खड़े हो, तो यह उदाहरण है क्लोज बॉडी लैंग्वेज के जबकि अगर आप अपने हाथों को क्लोज रखते हो या पैर के बीच में गैप रखते हो या अच्छी स्पेस लेकर खड़े या बैठे रहते हो तो यह ओपन बॉडी लैंग्वेज के उदाहरण हैं तो कोशिश करो कि आप ओपन बॉडी लैंग्वेज रखकर ही किसी से मिलो इससे आप बहुत इंप्रेसिव लगोगे।

2.Eye contact – आई कांटेक्ट रखना बहुत पावरफुल हो सकता है बात करते टाइम क्योंकि, आई कॉन्टेक्ट रखना आपको बात करते टाइम बहुत अट्रैक्टिव और कॉन्फिडेंटल बनाता है जबकि बहुत ही कम आई कांटेक्ट रखना आपको यह बनाता है कि आप बहुत नर्वस हो या झूठ बोल रहे हो या इंटरेस्टेड नहीं हो जो कि ज्यादातर टाइम अच्छा नहीं होता।

और एक बात यह भी कि ऐसा नहीं है कि आप हमेशा आई कांटेक्ट बनाकर ही रखें और कहीं देखे ही नहीं ऐसा नहीं है आप अपनी सिचुएशन के हिसाब से ही आई कांटेक्ट बनाओ वरना आप अजीब भी लग सकते हो।

3. Beam – मतलब की एक जेनुइन स्माइल आई कॉन्ट्रैक्ट रखने के बाद आपको सामने वाले से पहले एक हल्की सी स्माइल देनी चाहिए यह चीज आपका पॉजिटिव एटीट्यूड रिफ्लेक्ट करेगी और आपको एक फ्रेंडली स्माइल देनी चाहिए ना की एक डराने वाली।

4. Greeting – अब स्माइल देने के बाद, आपको उन्हें एक बहुत ही अच्छी सी स्माइल और एनर्जी के साथ एक अच्छी टोन में उन्हें ग्रीट करना चाहिए जैसे हाय, हेलो, या नमस्कार या जिस भी तरीके से आप बात स्टार्ट करना चाहते हो और यह भी याद रखो कि जितने अच्छे तरीके से आप अपने आप को इंट्रोड्यूस करेंगे उतने ही अच्छे से सामने वाला भी अपने आप को इंट्रोड्यूस करेगा और एक और बात यह एक अच्छा टाइम भी होता है कि सामने वाले से उनकी इंफॉर्मेशन जानने का जैसे अगर आप किसी से मिलकर बोलोगे हेलो तो सामने वाले भी उतना ही रिप्लाई देगा हेलो या हाय बोलकर जो चीजों को भद्दा बना सकता है लेकिन अगर आप बोलोगे कि हेलो मेरा नाम सूरज है और मैं एक यूट्यूबर हूं तो आपको भी सामने से कुछ इतना ही बड़ा रिप्लाई आएगा यह उदाहरण ज्यादा बेस्ट तो नहीं है लेकिन आपको समझ आ गया होगा जितने अच्छे से आप खुद को इंट्रोड्यूस करोगे उतना ही बड़ा आपको रिप्लाई मिलेगा और फिर आप आराम से अपनी बातों को आगे बढ़ा सकते हो।

5.Lean – बात करते टाइम थोड़ा सा लीन करना मतलब झुकना ज्यादा नहीं थोड़ा सा यह चीज सामने वाले को दिखाती है कि आप उन में इंटरेस्टेड हो और ओपन हो तो आप यह भी कर सकते हो लेकिन हां कोशिश करो कि आपको यह चीज ऑपोजिट साइड से मिलते टाइम कम करो या फिर सोच समझ कर करो इससे आप सामने वाले को नीडी या डेसपरेट लग सकते हो जो बहुत खराब लगता है।

2. Establishing Rapport – यह पार्ट इन तीनों पार्ट में से सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां आप लोगों से मेंटल और इमोशनल लेवल पर डीप कनेक्शन बना पाओगे जिसकी वजह से ही लोग आपको पसंद करने लगेंगे वह भी एक अलग ही लेवल पर, क्योंकि आप सभी लोगों को पता ही होगा कि हम ह्यूमंस इमोशनल क्रिएचर हैं जो मोस्टली दिमाग से नहीं दिल से डिसीजन लेते हैं और rapport फॉर्म करना हमें इमोशनली रिलेशन बनाने मदद करता है दूसरे की फीलिंग और इमोशन को समझते हुए।

तो जानते स्ट्रांग rapport बिल्ड करने के कुछ पॉइंट्स

1. Attitude – कभी-कभी ऐसा होता है कि आप किसी क्लोज फ्रेंड या फैमिली मेंबर से बात कर रहे होते हो तभी आपको यह लगता है कि वह थोड़े दुखी या गुस्से में हैं तब आप उनसे पूछते हो कि क्या हुआ और फिर वह झूठी स्माइल करते हुए बोलते हैं कि कुछ नहीं, जिस पर आप को बिल्कुल यकीन नहीं होता और बाद में पता चलता है कि हां आप बिल्कुल सही थे, लेकिन आपको पता है कि हमें ऐसा कैसे पता चल जाता है वह भी बिना उनके बोले तो इसका जवाब है, उनके एटीट्यूड से।

क्योंकि हमारा जो attitude होता है वह डायरेक्ट इंपैक्ट करता है हमारे माइंड पर जो कनेक्टेड है हमारी बॉडी के साथ इसलिए होगा क्या कि अगर आपका एटीट्यूड ही गुस्से वाला रहेगा तो आप कितना भी प्यार से बात करने की कोशिश कर लो गुस्सा आपकी फेशियल एक्सप्रेशन, से आप के बात करने के टोन से, और बॉडी लैंग्वेज से, लोगों को समझ आ ही जाएगा जो कि फिर आपको rapport बिल्ड करने नहीं देगा इसीलिए कोशिश करो कि आप angry, rude, जैसे नेगेटिव एटीट्यूड के बजाय warm, confident, relax जैसे पॉजिटिव एटीट्यूड के साथ लोगों से बात करो।

2. Synchronization – अगर समझो आपको फुटबॉल पसंद है तो आपकी उन लोगों के साथ ज्यादा जमेगी जिनको फुटबॉल पसंद है क्योंकि हम हमारी पसंद के लोगों के साथ कंफर्टेबल होकर कनेक्शन बना लेते हैं क्योंकि फैक्ट यही बताता है कि हम उन लोगों को ज्यादा पसंद करते हैं जो हमारे जैसे ही होते हैं जिनकी सोच, आईडिया, पसंद हमारी जैसी होती है पर हमेशा तो नहीं। लेकिन हमारी उनसे कम बनती है जो हमारे से उल्टी चीजों को पसंद करते हैं इसलिए अगर हम लोगों से उनके जैसी चीजें करेंगे तो यह हमे उनके साथ rapport बनाने में बहुत हेल्प करेगी

दूसरों के साथ सिंक करने के लिए आपको 3 v पर ध्यान देना होगा
1.visual 2.vocal 3.verbal

55% हमारा जो कम्युनिकेशन होता है वह विजुअल चीजों से होता है, आपकी बॉडी लैंग्वेज से होता है, और 38% कम्युनिकेशन हमारी वॉइस टोन पर डिपेंड करती है और 7% डिपेंड करती है आपकी वर्बल कम्युनिकेशन पर, मतलब जो आप बोलते हो जो वर्ड्स यूज़ करते हो वह सब।

तो सबसे जरूरी चीज जो होती है वह हमारी बॉडी लैंग्वेज है जो सबसे ज्यादा इंपोर्टेंट होता है और बॉडी लैंग्वेज ठीक करने के लिए आप एक सिंपल टेक्निक यूज कर सकते हो जिसे कहते हैं mirroring यहां आपको कुछ नहीं बस सामने वाले इंसान की बॉडी लैंग्वेज को कॉपी करना होगा जैसे अगर वह बात करते-करते अपने हाथ के ऊपर हाथ रख रहे हैं तो आप भी वैसा कर लो इससे पता चल जाएगा कुछ तो गड़बड़ है और rapport इनफॉर्म नहीं होगा।

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अब करते हैं सेकंड v की बात जो कम्युनिकेशन है। आपके बोलने के तरीके पर 38% कम्युनिकेशन डिपेंड होती है तो इसलिए यह सिंक करना भी जरूरी है लोगों को सिंक करने के लिए पहली चीज जो आप सिंक कर सकते हो वह है सामने वाले की टोन ऑफ वॉइस मतलब सामने वाला आपको एक एक्साइटिड टोन में पूछ रहा है तो आप भी एक्साइटेड टोन में रिप्लाई करो, और अगर वह ईमोशनल टोन में बोले तो आप भी ईमोशनल टोन में रिप्लाई करो, दूसरी चीज जो आप सिंक कर सकते हो वह है वॉइस का वॉल्यूम और स्पीड अगर वह तेज बोल रहा है तो आप भी तेज बोलो अगर वो धीरे बोल रहा है तो आप भी धीरे बोलो।

लास्ट v आता है वर्बल जो कि ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है।

congruity – ऐसा कई बार होता है कि हम कोई मूवी या सीरियल देख रहे होते हैं और हमें यह पता तो होता ही है कि यह सब रियल नहीं है यह बस एक एक्टिंग है लेकिन फिर भी जब हमारा कोई फेवरेट एक्टर मर जाता है उसमें तो इसका हमें बुरा लगने लगता है हम इमोशनल हो जाते हैं और कई लोग तो रोने भी लगते हैं, यह पता होने के बाद भी कि यह नकली है। वह सारी चीजें जो उस मूवी में दिखाई जाती है हम उस पर बिलीव करने लगते हैं और उससे इमोशनली कनेक्ट भी हो जाते हैं क्यों क्योंकि उसका रीजन है congruity क्योंकि जो अच्छे एक्टर होते हैं वह वह हमेशा कम्युनिकेशन की इन तीन V को congrent रखते हैं मतलब उनकी बॉडी लैंग्वेज, वॉइस टोन, और वोकल यह तीनों चीजें एक दूसरे से congrent होती है इसलिए हमें उनकी एक्टिंग रियल वा बिलीवेबल लगती है।

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इसलिए अगर आप भी चाहते हो कि लोग आप पर बिलीव करें आप पर इमोशनली कनेक्शन बना पाए तो आप भी congruity रखो मतलब ऐसा नहीं हो की आप बॉडी लैंग्वेज से तो एक डरे हुए इंसान लग रहे हो, और आपकी वॉइस टोन में बस कॉन्फिडेंस है। ऐसा नहीं बल्कि कॉन्फिडेंस आपकी बॉडी लैंग्वेज मैं और वॉइस टोन दोनो में होना चाहिए।

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